पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी की हालिया जीत के उपलक्ष में आयोजित एक बैठक में विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि आज कश्मीर और देश में जो भी घटनाएं हो रही हैं, उनकी जिम्मेदारी सीधे बीजेपी और केंद्र सरकार की नीतियों पर है.
महबूबा ने विशेष रूप से 2019 के बाद कश्मीर में लागू की गई नीतियों की आलोचना की और कहा कि प्रेशर कुकर माहौल के चलते ही दिल्ली में हालिया धमाके जैसी घटनाएं हुई हैं.
सरकार कश्मीर में इजरायली नीति का लागू कर रही फॉर्मूला- महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि 2019 में मोदी सरकार ने कश्मीर के युवाओं से वादा किया था कि उनके हाथ से पत्थर छीन कर उन्हें कंप्यूटर और शिक्षा के अवसर दिए जाएंगे. लेकिन उन्होंने कहा कि आज वही युवा अपनी जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर हैं. उनके अनुसार, केंद्र की गलत नीतियां जम्मू-कश्मीर में युवा पीढ़ी को चरम स्थिति की ओर ले गई हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार कश्मीर में इजरायली नीति का फॉर्मूला लागू कर रही है, जो पूरी दुनिया में फेल हो चुका है. महबूबा ने केंद्र से चेतावनी दी कि यदि कश्मीर के प्रति अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया गया तो देश में दिल्ली जैसे धमाके लगातार होते रहेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षित युवा, डॉक्टर और नागरिक जान जोखिम में डालने के लिए तैयार हैं, जो सरकार की नीतियों का सीधा परिणाम है.
कश्मीर की लड़कियों को उठाने की बातें कर रहे बीजेपी नेता- महबूबा
देश में बढ़ते मुस्लिम विरोधी माहौल पर भी महबूबा मुफ्ती ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता कश्मीर की लड़कियों को उठाने की बातें कर रहे हैं, जबकि आज की जेन-जेड इस तरह की हिंसा और अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या उनका उद्देश्य देश के 24 करोड़ मुसलमानों को हाशिए पर डालना है. महबूबा ने चेतावनी दी कि युवा इस अन्याय का विरोध करेंगे.
नौगाम धमाके के संदर्भ में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने पूछा कि यदि यह लापरवाही थी तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई. उनका कहना था कि केवल संवेदना से काम नहीं चलेगा, जिम्मेदारों को सजा मिलनी चाहिए.
महबूबा के बयान पर बढ़ी राजनीतिक हलचल
महबूबा मुफ्ती का यह बयान राजनीतिक रूप से विवादित माना जा रहा है. विपक्षी दलों और केंद्र सरकार ने इसे आलोचना का विषय बनाया है, वहीं उनके समर्थक इसे कश्मीर में युवाओं की कठिन परिस्थितियों पर चेतावनी और केंद्र की नीतियों पर कटाक्ष मान रहे हैं. इस बयान के बाद जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. सरकार और राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस जारी है, जबकि सुरक्षा एजेंसियां भी बयान और हालिया धमाकों की घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं.
For clarifications/queries, please contact Public Talk of India at:
+91-98119 03979 publictalkofindia@gmail.com
![]()
For clarifications/queries,
please contact Public Talk of India at:

