Last Updated on November 18, 2025
   
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बिहार की नई सरकार में सम्राट चौधरी या मंगल पांडेय को मिली जगह तो क्या करेंगे प्रशांत किशोर? किया बड़ा ऐलान

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय, अशोक चौधरी और संजय जायसवाल को नई सरकार में शामिल किया गया तो जन सुराज इसका विरोध करेगी.

2025-11-18
News

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आज (मंगलवार, 18 नवंबर) को एक प्रेस वार्ता कर कई बड़ी बातें रखीं. इसी क्रम में प्रशांत किशोर ने NDA की नई सरकार बनाए जाने से पहले ही ऐलान कर दिया कि उन्होंने जिन चार नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, अगर उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया तो जन सुराज विरोध करेगी और कोर्ट तक जाएगी.

दरअसल, जिन चार नेताओं पर प्रशांत किशोर ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, उनमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, मंत्री मंगल पांडेय, मंत्री अशोक चौधरी और सांसद संजय जायसवाल हैं.

अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे- प्रशांत किशोर प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए कहा है कि अगली सरकार में कोई दागी और भ्रष्टाचारी मंत्री नहीं हो. जनता ने लूटने का मैंडेट नहीं दिया है. इस बीच उन्होंने यह भी ऐलान कर दिया कि जिन चार लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वो अगर मंत्री बनते हैं तो जन सुराज अदालत का दरवाजा खटखटाएगी.

प्रशांत किशोर ने NDA नेताओं पर लगाए थे ये आरोप दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, सितंबर 2025 में प्रशांत किशोर ने NDA के चारों नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने मंगल पांडेय पर आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी उर्मिला पांडेय के बैंक अकाउंट में साल 2019 और 2020 में दो करोड़ से ज्यादा रुपये जमा हुए थे. यह कभी बताया नहीं गया कि वह रुपये कहां से आए और इसे अघोषित संपत्ति करार देते हुए पीके ने सवाल उठाए थे.

वहीं, सम्राट चौधरी पर आरोप लगाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा था कि वह सदानंद सिंह मर्डर केस में आरोपी हैं और फर्जी उम्र का सर्टिफिकेट बनाकर जेल से बाहर निकले हैं. प्रशांत किशोर का दावा था कि सम्राट चौधरी ने अपने हलफनामे में उम्र और डिग्री को लेकर गलत जानकारी दी है. 1998 के सदानंद मर्डर केस में उन्होंने गलत बर्थ सर्टिफिकेट के साथ खुद को नाबालिग बताया था और 6 महीने के अंदर जेल से बाहर आ गए थे.

JDU नेता अशोक चौधरी पर भी प्रशांत किशोर ने गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि साल 2021 में अशोक चौधरी ने अपने PA के नाम पर पटना के बिक्रम में 23 कट्ठा बेनामी जमीन खरीदकर अपनी बेटी के नाम कर दी थी. उन्होंने अपने पर्सनल सेक्रेटरी योगेंद्र दत्त के नाम पर साल 2019 में 23 कट्ठा जमीन खरीदी. दो साल बाद योगेंद्र ने जमीन को अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी के नाम 34 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया.


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