पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने राज्य के पर्वतीय जिलों में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों पर चिंता जताते हुए आमजन की सुरक्षा के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया है। साथ ही गांवों के आसपास और गांव को जोड़ने वाले रास्तों पर उगी झाड़ियों का कटान अनटाइड फंड से मनरेगा के तहत कराने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने सुभाष रोड स्थित कैंप कार्यालय में वन विभाग और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिए।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने पर्वतीय जिलों में स्थित गांवों का उल्लेख करते हुए कहा कि गांवों के आसपास उगी झाड़ियां वन्यजीवों के छिपने का स्थल बन रही हैं। वन्यजीवों के भय के चलते ग्रामीणों में दहशत है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इसके अलावा वर्तमान में शादियों का साया भी चल रहा है।
इस सबको देखते हुए जरूरी है कि वन्यजीवों से आमजन की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिए जो पार्क बने हैं, उनमें इन्हें रखने की व्यवस्था की जाए और बड़ी-बड़ी संस्थाओं एवं कंपनियों से उन्हें गोद लेकर उनके रखरखाव एवं खान-पान की व्यवस्था का अनुरोध किया जाए।
उन्होंने कहा कि एक बाघ को पकड़कर यदि पार्क में रखा जाता है तो उसके खान-पान एवं रखरखाव पर 20 से 25 लाख रुपए के लगभग वार्षिक खर्च आता है। इसलिए इस तरह की पहल करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आमजन की सुरक्षा के लिए घातक बन रहे ऐसे जंगली जानवरों को पकड़कर उन्हें संरक्षण देने के लिए वह अंबानी परिवार द्वारा बनाये गये बनतारा से भी अनुरोध करेंगे। बैठक में विशेष सचिव पंचायती राज डा पराग मधुकर धकाते, निदेशक पर्यावरण एसपी सुबुद्धि और पंचायती राज निदेशक निधि यादव समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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