बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान मनेर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी और विधायक भाई वीरेंद्र विवादों में घिर गए हैं. आरोप है कि महिनावां स्थित हाई स्कूल के पोलिंग बूथ पर एक वृद्ध महिला की मदद कर रहे पुलिस अधिकारी को भाई वीरेंद्र ने धमकी दे दी थी और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया था. इस मामले में अब भाई वीरेंद्र पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.
दरअसल, गुरुवार (6 नवंबर) को बिहार की 121 सीटों पर विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान पूरा हुआ. इस बीच मनेर इलाके से एक वीडियो सामने आया, जिसमें राजद विधआक भाई वीरेंद्र एक पुलिस वाले से लड़ते हुए देखे गए. विधायक एक पुलिसकर्मी को हड़का रहे थे. वीडियो में देखा गया था कि पुलिसकर्मी पोलिंग बूथ के गेट पर पर्चा चेक कर रहा था और उसके बाद ही मतदाताओं को अंदर जाने दे रहा था.
भाई वीरेंद्र ने क्या कहा था?
इसी दौरान एक महिला पर्ची लेकर गेट तक पहुंची, तो दारोगा ने उसका पर्चा भी चेक किया. तब भाई वीरेंद्र पुलिसकर्मी ने लड़ पड़े. उन्होंने कह दिया, आप चेक करने वाले कौन होते हैं? अंदर चेक करेगा. आप यहां बीजेपी का काम करने आए हैं. तिवारी हो यार... अब उनके इसी बयान की वजह से उनपर केस हो गया है.
वोटिंग के दौरान भाई वीरेंद्र ने किया था यह दावा किया था कि इस बार बिहार की जनता सरकार बदलना चाहती है. प्रशासन के लोगों को पर्चा चेक करने का अधिकार नहीं है. RJD विधायक ने कहा था, एक तिवारी है... कोई जमादार है... इसको चेक करने का पावर है क्या? इसको चेक करने का पावर नहीं है. इसलिए मैंने कहा कि मैं रिपोर्ट करूंगा.
भाई वीरेंद्र ने यह भी दावा किया था कि मतदाताओं को रोकने के मकसद से पुलिसकर्मी वोटर पर्ची चेक कर रहे हैं जबकि पुलिसकर्मियों की ओर से दावा किया गया था कि सिस्टम पदाधिकारी के निर्देश पर वे पर्ची चेक कर रहे थे.
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